A Secret Weapon For Shodashi
Wiki Article
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता
ह्रींमन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं
Shiva once the death of Sati experienced entered right into a deep meditation. Devoid of his Electricity no creation was probable and this triggered an imbalance inside the universe. To convey him outside of his deep meditation, Sati took birth as Parvati.
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी website साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते
षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया
These gatherings are not merely about person spirituality but in addition about reinforcing the communal bonds by way of shared ordeals.
इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।
पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥